मुंबई | 17 जून 2025 | ABN News Hindi बिज़नेस डेस्क
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने अपने कर्मचारियों के लिए नई डिप्लॉयमेंट पॉलिसी लागू की है, जिसके तहत अब “बेंच” पर रहने की अधिकतम समयसीमा सिर्फ 35 कार्य दिवस प्रति वर्ष तय की गई है। यह नई नीति 12 जून 2025 से लागू हो गई है।
इतना ही नहीं, अब जो कर्मचारी किसी प्रोजेक्ट पर तैनात नहीं हैं, उन्हें अनिवार्य रूप से ऑफिस से काम करना होगा, यानी रिमोट वर्क की सुविधा पूरी तरह खत्म कर दी गई है।
नीति के मुख्य बिंदु:
- 35 दिन की अधिकतम बेंच अवधि तय
- वर्क फ्रॉम होम नहीं मिलेगा यदि कर्मचारी किसी बिलेबल प्रोजेक्ट पर नहीं हैं
- अनिवार्य अपस्किलिंग (सीखना व प्रशिक्षण) — बेंच पर रहने के दौरान
- लंबे और स्थायी प्रोजेक्ट्स को प्राथमिकता, बार-बार छोटे प्रोजेक्ट्स बदलने से बचाव
इसका क्या मतलब है?
TCS की यह नई नीति इस बात का संकेत देती है कि कंपनी अब अपने वर्कफोर्स की उत्पादकता और उपयोगिता बढ़ाने पर फोकस कर रही है, वो भी बिना किसी बड़े पैमाने पर छंटनी के। इस नीति के तहत कंपनी चाहती है कि कर्मचारी या तो किसी प्रोजेक्ट पर हों या अपना कौशल निखारने में सक्रिय रूप से लगे हों।
“अगर आप काम नहीं कर रहे हैं, तो सीखिए,” — यह है TCS का नया संदेश।
अपस्किलिंग और इन-हाउस लर्निंग अनिवार्य
वे कर्मचारी जो प्रोजेक्ट पर नहीं हैं, उन्हें अब ऑफिस में उपस्थित रहकर ट्रेनिंग प्रोग्राम, सर्टिफिकेशन या इंटरनल प्रोजेक्ट्स में हिस्सा लेना होगा, ताकि वे किसी भी समय क्लाइंट प्रोजेक्ट पर भेजे जा सकें।
वैश्विक आईटी उद्योग में बदलाव
TCS की यह रणनीति उस समय आई है जब पूरी IT इंडस्ट्री को क्लाइंट बजट में कटौती, धीमी डील साइकल और लाभ पर दबाव जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। कंपनी अब नए हायरिंग मॉडल से हटकर अंदरूनी क्षमताओं के बेहतर उपयोग की ओर बढ़ रही है।
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