बिहार में बढ़ेगी मुखिया की सैलरी, सुरक्षा होगी हाईटेक – नीतीश सरकार के 6 बड़े ऐलान, पंचायत प्रतिनिधियों को बड़ा फायदा

bihar-panchayat-salary-increase-nitish-6-announcement

पटना। ABN News Hindi विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पंचायती राज से जुड़े लाखों प्रतिनिधियों को बड़ा तोहफा देते हुए छह बड़े फैसलों की घोषणा की है। इन फैसलों में पंचायत प्रतिनिधियों के भत्ते में बढ़ोतरी, प्रशासनिक शक्तियों का विस्तार, और सुरक्षा से जुड़ी सुविधाओं में सुधार जैसे महत्वपूर्ण निर्णय शामिल हैं। माना जा रहा है कि इन घोषणाओं का सीधा असर राज्य के ग्रामीण वोट बैंक पर पड़ेगा और यह नीतीश सरकार की चुनावी रणनीति का एक अहम हिस्सा हो सकता है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संवाद कार्यक्रम के दौरान पंचायत प्रतिनिधियों के साथ सीधे संवाद करते हुए कहा कि पंचायती राज को मज़बूत करना सरकार की प्राथमिकता है। इसी कड़ी में यह निर्णय लिया गया है कि ग्राम पंचायत के मुखिया को मिलने वाला मासिक भत्ता अब ₹5000 से बढ़ाकर ₹12,500 कर दिया जाएगा। इसी तरह उप मुखिया, वार्ड सदस्य, सरपंच, उप सरपंच और पंचों का भत्ता भी डेढ़ गुना बढ़ाया जाएगा। सरकार का मानना है कि इससे जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को और अधिक मजबूती मिलेगी।

मुखिया को अब मनरेगा योजना के तहत ₹10 लाख तक की प्रशासनिक स्वीकृति की शक्ति दी गई है, जो पहले ₹5 लाख थी। यह फैसला पंचायत स्तर पर योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने के उद्देश्य से लिया गया है। इसके अलावा पंचायत प्रतिनिधियों को अब ₹15 लाख तक की योजनाओं का क्रियान्वयन विभागीय स्तर पर करने की मंजूरी भी मिलेगी। इससे विकास कार्यों में तेजी लाने की उम्मीद की जा रही है।

राज्य सरकार ने चुनाव से पहले पंचायत सरकार भवनों के निर्माण पर भी जोर दिया है। नीतीश सरकार ने 1069 नए पंचायत सरकार भवनों के निर्माण की स्वीकृति दे दी है। इन भवनों का निर्माण ग्राम पंचायतों की देखरेख में कराया जाएगा ताकि स्थानीय जरूरतों के मुताबिक बेहतर ढांचा तैयार किया जा सके।

पंचायत प्रतिनिधियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अब शस्त्र लाइसेंस के आवेदनों को जिला पदाधिकारी द्वारा नियमानुसार तय समयसीमा में निपटाने का आदेश दिया गया है। साथ ही अब आकस्मिक मृत्यु ही नहीं, बल्कि सामान्य मृत्यु पर भी ₹5 लाख का अनुग्रह अनुदान मिलेगा। बीमार पड़ने पर मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से उपचार की सुविधा भी प्रतिनिधियों को उपलब्ध कराई जाएगी।

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी याद दिलाया कि बिहार में महिलाओं को पंचायती राज में 50 प्रतिशत आरक्षण देकर उन्हें मुख्यधारा में लाने का ऐतिहासिक कार्य 2006 में ही कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि सरकार सभी वर्गों के प्रतिनिधियों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है और पंचायतों के माध्यम से गांव-गांव तक विकास की रोशनी पहुंचाई जा रही है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इन घोषणाओं से पंचायती प्रतिनिधियों में सरकार के प्रति विश्वास बढ़ेगा और ग्रामीण मतदाताओं में सकारात्मक संदेश जाएगा। चुनावी साल में लिया गया यह फैसला केवल एक प्रशासनिक कदम नहीं, बल्कि एक रणनीतिक निर्णय माना जा रहा है जिसका असर विधानसभा चुनावों में भी साफ तौर पर देखने को मिल सकता है।

Comments


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *